Description
त्रिशूल नवरत्न अंगूठी (Trishul Navaratna Ring)
अर्थ: त्रिशूल नवरत्न अंगूठी (Trishul Navaratna Ring) एक विशेष प्रकार की अंगूठी है, जिसमें त्रिशूल (भगवान शिव का प्रतीक) और नवरत्न (नौ विभिन्न रत्न) शामिल होते हैं। यह अंगूठी सुरक्षा, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक मानी जाती है।
विशेषताएँ:
- त्रिशूल: भगवान शिव का प्रतीक, जो शक्तिशाली और संरक्षक माना जाता है।
- नवरत्न: इसमें शामिल रत्न हैं: रूबी, पुखराज, मोती, नीलम, पन्ना, गोमेद, हीरा, लहसुनिया, और काठमंडू, जो विभिन्न ग्रहों की शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
फायदे:
- सुरक्षा: त्रिशूल नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: नवरत्न सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और मानसिक स्पष्टता बढ़ाते हैं।
- धन और समृद्धि: यह धन और समृद्धि के रास्ते खोलता है।
- आध्यात्मिक विकास: आध्यात्मिकता में वृद्धि करता है और ध्यान में मदद करता है।
- स्वास्थ्य लाभ: विभिन्न रत्न शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
पहनने का तरीका:
- इसे अनामिका (मध्य उंगली) पर पहनना सर्वोत्तम माना जाता है।
पूजा विधि:
- स्थान: एक साफ और शांत जगह चुनें।
- सामग्री: त्रिशूल नवरत्न अंगूठी, दीपक, अगरबत्ती, और फूल।
- आरंभ:
- दीपक जलाएं और अगरबत्ती प्रज्वलित करें।
- अंगूठी को एक साफ कपड़े पर रखें और उसके चारों ओर फूल चढ़ाएं।
- मंत्र का जाप: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे” का जाप करें।
- प्रसाद अर्पित करें: जाप के बाद भगवान को प्रसाद अर्पित करें।
ध्यान दें:
- अंगूठी पहनने से पहले ज्योतिषी से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
- नियमित रूप से साफ करें और उसकी ऊर्जा को बनाए रखने के लिए उसे सूर्य की रोशनी में रखें।
इस प्रकार, त्रिशूल नवरत्न अंगूठी न केवल एक खूबसूरत आभूषण है, बल्कि यह आपके जीवन में सुरक्षा, धन और आध्यात्मिकता का अनुभव कराने में भी सहायक है।





Vaijayanti Jaap Mala
12 Mukhi Rudraksha
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