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11 Mukhi Rudraksha

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11 मुखी रुद्राक्ष, भगवान शिव के 11 रूपों का प्रतीक है और यह एक अत्यधिक शक्तिशाली और दुर्लभ रुद्राक्ष है। इसमें 11 प्राकृतिक मुख होते हैं, जो रुद्र के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के रूप में विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है, और इसे विशेष रूप से मानसिक शांति, सुरक्षा, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए पहना जाता है।

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Description

11 मुखी रुद्राक्ष का विवरण: 11 मुखी रुद्राक्ष, भगवान शिव के 11 रूपों का प्रतीक है और यह एक अत्यधिक शक्तिशाली और दुर्लभ रुद्राक्ष है। इसमें 11 प्राकृतिक मुख होते हैं, जो रुद्र के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के रूप में विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है, और इसे विशेष रूप से मानसिक शांति, सुरक्षा, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए पहना जाता है।

11 मुखी रुद्राक्ष के लाभ:

  • सुरक्षा और रक्षण: यह पहनने वाले को बाहरी खतरों और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • मानसिक शांति और स्पष्टता: यह मानसिक शांति और स्पष्टता प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति का मानसिक संतुलन बनाए रहता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: यह आत्म-साक्षात्कार की दिशा में मदद करता है और आध्यात्मिक यात्रा को तीव्र करता है।
  • स्ट्रेस राहत: यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: शरीर में ऊर्जा का प्रवाह संतुलित करने में सहायक होता है और विभिन्न शारीरिक समस्याओं से बचाव करता है।
  • जीवन में कठिनाइयों का निवारण: यह जीवन में आने वाली मुश्किलों और विघ्नों को दूर करने में मदद करता है, जिससे नौकरी, रिश्तों और धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।

11 मुखी रुद्राक्ष पूजा विधि (Pooja Vidhi):

11 मुखी रुद्राक्ष के लाभ को अधिकतम करने के लिए सही पूजा और ध्यान विधि का पालन करना आवश्यक है। निम्नलिखित पूजा विधि का पालन करें:

  1. रुद्राक्ष की सफाई:
    • सबसे पहले, रुद्राक्ष को शुद्ध जल से धोकर साफ करें। यदि यह गहने के रूप में पहना जा रहा है, तो इसे सावधानीपूर्वक निकालें।
    • यदि यह नया रुद्राक्ष है, तो इसे थोड़ी देर के लिए दूध में डुबोकर फिर से साफ पानी से धो सकते हैं।
  2. पूजा स्थान तैयार करें:
    • एक स्वच्छ स्थान पर पूजा के लिए चादर बिछाएं (सुनहरा, सफेद या लाल रंग की चादर उत्तम होती है)।
    • रुद्राक्ष को भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र के सामने रखें।
  3. संकल्प (Intention Setting):
    • पूजा शुरू करने से पहले कुछ क्षणों के लिए शांत बैठकर अपने मन में पूजा का संकल्प लें। आप भगवान से क्या आशीर्वाद चाहते हैं, वह स्पष्ट रूप से मन में रखें।
    • मंत्र “ॐ ह्रीं नमः” या “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
  4. फूल और धूप अर्पित करें:
    • धूप (इंसेन्स) या दीपक जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
    • भगवान शिव और रुद्राक्ष को ताजे फूल अर्पित करें।
  5. मंत्रो का जाप:
    • 11 मुखी रुद्राक्ष को हाथ में लेकर निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
      • “ॐ ह्रीं नमः” (यह सबसे सामान्य और शक्तिशाली मंत्र है, जो रुद्राक्ष से जुड़ा होता है।)
      • “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप भी कर सकते हैं:
        “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्
        उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्युोर् मुक्षीय मा अमृतात्”
        (यह मंत्र लंबी उम्र और आध्यात्मिक उन्नति के लिए शक्तिशाली है।)
  6. पूजा विधि:
    • दीपक (दीया) जलाएं और उसे रुद्राक्ष के पास रखें।
    • रुद्राक्ष को दूध या जल अर्पित करें
    • धूपबत्तियां जलाएं और रुद्राक्ष के चारों ओर घुमा कर आरती करें।
    • फूल अर्पित करें और 108 बार मंत्र का जाप करें।
  7. विशेष इच्छाओं के लिए प्रार्थना:
    • यदि आप विशेष इच्छाओं (स्वास्थ्य, समृद्धि, शांति, या आध्यात्मिक प्रगति) के लिए पूजा कर रहे हैं, तो इस दौरान अपनी प्रार्थनाएँ करें।
    • आप संकल्प ले सकते हैं कि इस रुद्राक्ष को विशेष समय तक पहनेंगे, या इसे भगवान को समर्पित करेंगे।
  8. पूजा समाप्ति:
    • पूजा के अंत में भगवान शिव का धन्यवाद करें और रुद्राक्ष के प्रति आभार व्यक्त करें।
    • रुद्राक्ष को एक साफ और सुरक्षित स्थान पर रखें (जैसे कपड़े के पाउच में), जब इसे न पहना जा रहा हो।
  9. नियमित ध्यान और पूजा:
    • पूजा के बाद रुद्राक्ष को हार, चूड़ी, या ध्यान स्थान पर रखें।
    • इसे नियमित रूप से साफ करें और सप्ताह में कम से कम एक बार छोटे पूजा अनुष्ठान का पालन करें।

नोट: रुद्राक्ष को हमेशा आदर और सम्मान के साथ संभालें। इसे गिरने से बचाएं और जमीन पर न रखें।

इस सरल पूजा विधि से आप 11 मुखी रुद्राक्ष की सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद अपने जीवन में आकर्षित कर सकते हैं।

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