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गौरी शंकर रुद्राक्ष एक अत्यधिक शक्तिशाली और पवित्र रुद्राक्ष है, जो विवाह, परिवारिक जीवन, प्रेम संबंधों, और आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है। यह रुद्राक्ष दाम्पत्य जीवन में सुख और शांति बनाए रखने के साथ-साथ व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है। इसका नियमित रूप से उपयोग और पूजा जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक हो सकता है।

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Description

गौरी शंकर रुद्राक्ष एक अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली रुद्राक्ष है, जो विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती का प्रतिनिधित्व करता है। यह रुद्राक्ष दो समान आकार के रुद्राक्षों से जुड़ा हुआ होता है, जो एक साथ जुड़े रहते हैं, और इसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक माना जाता है। गौरी शंकर रुद्राक्ष प्रेम, विवाह, और रिश्तों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष के लाभ:

  1. रिश्तों में सुधार: गौरी शंकर रुद्राक्ष विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो अपने पारिवारिक जीवन, विवाह या रिश्तों में संतुलन और सुख की तलाश कर रहे होते हैं। यह रुद्राक्ष प्रेम, समर्पण, और सामंजस्य को बढ़ाता है।
  2. दाम्पत्य जीवन में सुख: यह रुद्राक्ष दाम्पत्य जीवन में शांति और सुख बनाए रखने के लिए प्रसिद्ध है। यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ को बढ़ाता है और उनके रिश्ते को मजबूत बनाता है।
  3. मन की शांति: गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है। यह व्यक्ति के मन को शांत करता है और तनाव और चिंता को कम करता है।
  4. विवाह में सफलता: यह रुद्राक्ष विवाह के इच्छुक व्यक्तियों के लिए लाभकारी होता है। यह शादी के संयोग को जोड़ता है और विवाह के मार्ग में आने वाली रुकावटों को दूर करता है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: यह रुद्राक्ष साधक को आध्यात्मिक रूप से प्रगति करने में मदद करता है। यह ध्यान और साधना में सहायक होता है और व्यक्ति को आत्मज्ञान की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
  6. व्यक्तित्व में सुधार: यह रुद्राक्ष आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति के व्यक्तित्व में सुधार होता है।
  7. धन और समृद्धि: गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और यह व्यक्ति को समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए?

  1. विवाहित व्यक्ति: जो लोग अपने विवाहिक जीवन को सुखमय बनाना चाहते हैं, वे इस रुद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं। यह दाम्पत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है।
  2. प्रेम संबंधों में सुधार की कामना करने वाले: जो लोग अपने प्रेम संबंधों में सुधार और समझ चाहते हैं, वे इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं।
  3. आध्यात्मिक साधक: जो लोग अपने आध्यात्मिक पथ पर प्रगति करना चाहते हैं, वे इस रुद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं। यह साधना और ध्यान में मदद करता है।
  4. विवाह की इच्छाशक्ति रखने वाले व्यक्ति: जो लोग विवाह के इच्छुक हैं, वे इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं, क्योंकि यह विवाह के अवसरों को बढ़ाता है और शादी के रास्ते में आने वाली रुकावटों को दूर करता है।
  5. परिवार के सदस्यों के लिए: परिवार में प्यार और सामंजस्य बढ़ाने के लिए इस रुद्राक्ष का उपयोग किया जा सकता है। यह परिवार के बीच रिश्तों को मजबूत करता है और घर में शांति का वातावरण बनाता है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष पूजा विधि (Pooja Vidhi)

गौरी शंकर रुद्राक्ष की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. रुद्राक्ष की सफाई:
    • सबसे पहले रुद्राक्ष को शुद्ध जल से धोकर साफ करें। आप इसे दूध या गुलाब जल में भी डुबोकर धो सकते हैं।
    • फिर इसे मुलायम कपड़े से सुखाएं।
  2. पूजा स्थल तैयार करें:
    • एक स्वच्छ स्थान पर लाल या पीली चादर बिछाएं और रुद्राक्ष को भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र के पास रखें।
  3. संकल्प लें:
    • पूजा से पहले, शांत मन से संकल्प लें कि आप इस रुद्राक्ष से किस उद्देश्य को प्राप्त करना चाहते हैं, जैसे कि पारिवारिक जीवन में सुख, विवाह में सफलता, या आध्यात्मिक उन्नति।
  4. फूल और धूप अर्पित करें:
    • भगवान शिव और माता पार्वती के सामने ताजे फूल अर्पित करें और धूप (इंसेन्स) जलाएं।
  5. मंत्रों का जाप करें:
    • गौरी शंकर रुद्राक्ष के साथ निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
      • “ॐ नमः शिवाय” (भगवान शिव के लिए)
      • “ॐ गंगायै नमः” (माता पार्वती के लिए)
      • “ॐ त्रयंबकम यजामहे” (भगवान शिव के त्रायंबक मंत्र)
  6. आरती और पूजा:
    • दीपक (दीया) जलाकर रुद्राक्ष के चारों ओर घुमा कर पूजा करें।
    • 108 बार मंत्र का जाप करें और रुद्राक्ष को दूध या जल अर्पित करें।
  7. विशेष प्रार्थना:
    • अपनी इच्छाओं और समस्याओं का समाधान करने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करें।
  8. पूजा का समापन:
    • पूजा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती का धन्यवाद करें और रुद्राक्ष को सुरक्षित स्थान पर रखें।
  9. नियमित पूजा:
    • रुद्राक्ष का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इसे नियमित रूप से पूजा करें, विशेष रूप से सोमवार के दिन, क्योंकि यह दिन भगवान शिव के लिए अत्यंत शुभ है।

निष्कर्ष:

गौरी शंकर रुद्राक्ष एक अत्यधिक शक्तिशाली और पवित्र रुद्राक्ष है, जो विवाह, परिवारिक जीवन, प्रेम संबंधों, और आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है। यह रुद्राक्ष दाम्पत्य जीवन में सुख और शांति बनाए रखने के साथ-साथ व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है। इसका नियमित रूप से उपयोग और पूजा जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक हो सकता है।

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