Description
7 Mukhi Rudraksha को महालक्ष्मी और भगवान शिव के साथ जोड़ा जाता है। इसे धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य का रुद्राक्ष माना जाता है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से व्यापारियों, धनिकों और किसी भी व्यक्ति के लिए लाभकारी है जो आर्थिक रूप से समृद्धि और सफलता की कामना करता है। यह रुद्राक्ष जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, संपत्ति, और सुख-शांति लाता है।
7 मुखी रुद्राक्ष का महत्व:
- भगवान लक्ष्मी और महालक्ष्मी का प्रतीक: यह रुद्राक्ष भगवान लक्ष्मी और महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक उत्तम साधन है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से धन और समृद्धि को आकर्षित करता है।
- व्यापार और आर्थिक सफलता: यह रुद्राक्ष व्यापारियों और व्यवसायियों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह व्यापार में सफलता और वित्तीय लाभ को बढ़ाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: यह रुद्राक्ष घर और जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में सहायक होता है।
- सुख-शांति का संचार: यह रुद्राक्ष मानसिक शांति, सुख, और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
7 मुखी रुद्राक्ष की पूजा विधि:
- स्वच्छ स्थान का चयन: सबसे पहले एक स्वच्छ और शांत स्थान पर पूजा के लिए आसन बिछाएं और वहां 7 मुखी रुद्राक्ष रखें।
- रुद्राक्ष की शुद्धि: रुद्राक्ष को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर शुद्ध करें। इससे रुद्राक्ष की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और उसकी सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं: पूजा स्थल पर घी का दीपक जलाएं और अगरबत्ती (धूप) लगाएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- रुद्राक्ष पर ताजे फूल अर्पित करें: रुद्राक्ष पर ताजे फूल अर्पित करें। यह श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।
- मंत्र जाप करें: 7 मुखी रुद्राक्ष की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
- “ॐ ह्लीं श्री महालक्ष्म्यै नमः” – यह मंत्र लक्ष्मी देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए है।
- “ॐ नमः शिवाय” – भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए।
इन मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें। यदि आप माला का उपयोग कर रहे हैं तो एक-एक मंत्र का जाप करें।
- चावल और लौंग अर्पित करें: रुद्राक्ष के सामने चावल, लौंग और ताजे फूल अर्पित करें। यह भोग अर्पित करने का तरीका है और पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- फल और मिठाई अर्पित करें: पूजा के बाद रुद्राक्ष के सामने ताजे फल और मिठाई अर्पित करें। यह भगवान के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है और आपकी पूजा को संपूर्ण करता है।
- आरती और शांति पाठ: पूजा के बाद भगवान शिव और महालक्ष्मी की आरती का पाठ करें। आप “ॐ जय शिव ओंकारा” और “महालक्ष्मी अष्टकशत” का पाठ कर सकते हैं। अंत में “ॐ शांति शांति शांति” का जाप करें।
- रुद्राक्ष को धारण करें: पूजा के बाद रुद्राक्ष को शुद्ध करके पहन सकते हैं। इसे गहनों के रूप में, अंगूठी या डोरी में गले में पहन सकते हैं।
- प्रसाद वितरण: अंत में पूजा का प्रसाद अपने परिवार और मित्रों में वितरित करें।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें:
- रुद्राक्ष को हमेशा साफ और पवित्र रखें। स्नान और भोजन के समय इसे हटा लें।
- पूजा के समय मानसिक शांति बनाए रखें और श्रद्धा से पूजा करें।
- रुद्राक्ष को नियमित रूप से शुद्ध करें और पूजा विधि का पालन करें।
7 मुखी रुद्राक्ष के लाभ:
- धन और समृद्धि में वृद्धि: यह रुद्राक्ष विशेष रूप से व्यापारियों और व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह धन और समृद्धि को आकर्षित करता है।
- मानसिक शांति और सुख: 7 मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति, सुख, और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
- व्यापार में सफलता: यह रुद्राक्ष व्यापारियों के लिए शुभ होता है और उनके व्यवसाय को बढ़ाता है।
- नकारात्मकता का नाश: यह रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य: यह रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य लाने में मदद करता है।
इस प्रकार, 7 मुखी रुद्राक्ष की पूजा विधि से आप जीवन में धन, समृद्धि, शांति और सुख प्राप्त कर सकते हैं।





Shree Bageshwar Dham Tulsi Mala
7 Mukhi Rudraksha
Durga Yantra
5 Mukhi Rudraksha
13 Mukhi Rudraksha
Khatu shyam Tulsi Mala
Panchmukhi Rudraksha Silver Mala
8 Mukhi Rudraksha
Rose Quartz Mala
11 Mukhi Rudraksha
Magnetic Tiger Eye Mala with White Moti
14 Mukhi Rudraksha
Chandramani Yantra
Trishakti Ring
12 Mukhi Rudraksha
Reviews
There are no reviews yet.