Description
3 Mukhi Rudraksha एक विशेष प्रकार का रुद्राक्ष होता है, जिसे भगवान शिव के तीसरे रूप, “अग्नि देवता” से संबंधित माना जाता है। यह रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक शुद्धि, आत्मविश्वास, और समृद्धि को बढ़ाने में सहायक माना जाता है। 3 Mukhi Rudraksha का पूजन व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और सकारात्मक उर्जा का संचार करने के लिए किया जाता है।
3 मुखी रुद्राक्ष का महत्व:
- भगवान अग्नि का प्रतीक: यह रुद्राक्ष अग्नि देवता के रूप में पूजित होता है, जो व्यक्ति की शुद्धि और सभी प्रकार की नकारात्मकता को नष्ट करता है।
- आत्मिक शुद्धि: यह रुद्राक्ष मानसिक शांति और आत्म-संयम को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में अधिक संतुलित और एकाग्र रहता है।
- मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति: 3 मुखी रुद्राक्ष के पूजन से जीवन में बाधाएं दूर होती हैं और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग में सहायक होता है।
3 मुखी रुद्राक्ष की पूजा विधि:
- स्वच्छ स्थान का चयन: सबसे पहले एक स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाएं और वहां 3 मुखी रुद्राक्ष रखें। यह स्थान पवित्र और शांति से पूजन करने के लिए उपयुक्त होना चाहिए।
- रुद्राक्ष की शुद्धि: रुद्राक्ष को शुद्ध करने के लिए गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर उसे शुद्ध करें। यह रुद्राक्ष की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक होता है।
- दीपक और अगरबत्ती जलाना: पूजा स्थल पर घी का दीपक जलाएं और अगरबत्ती (धूप) लगाएं, जिससे वातावरण शुद्ध हो और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
- रुद्राक्ष पर ताजे फूल अर्पित करें: रुद्राक्ष पर ताजे फूल अर्पित करें। यह भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और रुद्राक्ष को पवित्र बनाने में मदद करता है।
- मंत्र जाप करें: 3 मुखी रुद्राक्ष की पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
- “ॐ त्रिमुखि रुद्राक्षाय नमः” – यह विशेष रूप से 3 मुखी रुद्राक्ष के लिए है।
- “ॐ नमः शिवाय” – यह मंत्र भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए है। इन मंत्रों का जाप 108 बार करें। अगर आप माला का प्रयोग कर रहे हैं, तो माला पर एक-एक मंत्र का जाप करके इसे शुद्ध करें।
- चावल और लौंग अर्पित करें: रुद्राक्ष के सामने चावल और लौंग अर्पित करें। यह भोग के रूप में अर्पित किया जाता है और यह भगवान शिव और रुद्राक्ष की कृपा को आकर्षित करने का एक तरीका है।
- फल और मिठाई अर्पित करें: पूजा के बाद रुद्राक्ष के सामने ताजे फल या मिठाई अर्पित करें। इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है और साथ ही यह पूजा को संपूर्ण करता है।
- आरती और शांति पाठ: पूजा के बाद भगवान शिव की आरती “ॐ जय शिव ओंकारा” या “शिव तांडव स्तोत्र” का पाठ करें। अंत में “ॐ शांति शांति शांति” का जाप करके वातावरण को शुद्ध करें।
- रुद्राक्ष को धारण करें: पूजा के बाद 3 मुखी रुद्राक्ष को एक पवित्र डोरी में बांधकर अपनी गर्दन में पहन सकते हैं या इसे अंगूठी के रूप में भी धारण कर सकते हैं। यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
- प्रसाद वितरण: पूजा का प्रसाद परिवार के अन्य सदस्यों में वितरित करें। यह उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें:
- रुद्राक्ष को हमेशा साफ और पवित्र रखें। स्नान और भोजन के समय रुद्राक्ष को हटा लें।
- पूजा के समय शांति बनाए रखें और पूर्ण श्रद्धा से रुद्राक्ष की पूजा करें।
- रुद्राक्ष को नियमित रूप से शुद्ध करें और पूजा विधि का पालन करें।
3 मुखी रुद्राक्ष के लाभ:
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: 3 मुखी रुद्राक्ष नकारात्मकता को समाप्त करता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: यह रुद्राक्ष आत्मविश्वास बढ़ाता है और मानसिक स्थिति को संतुलित करता है।
- शरीरिक शुद्धि: 3 मुखी रुद्राक्ष शारीरिक शुद्धि और बीमारी से राहत देने में सहायक माना जाता है।
- रिश्तों में सुधार: यह रुद्राक्ष रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है और परिवार में सुख-शांति बनाए रखता है।
- जीवन में सफलता: यह रुद्राक्ष जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है।
इस प्रकार, 3 मुखी रुद्राक्ष की पूजा विधि से आप जीवन में शांति, समृद्धि और आत्मिक शुद्धि प्राप्त कर सकते हैं।





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