Description
आठ धातु शिव परिवार मूर्ति (Asthadhatu Shiv Parivar Murti) हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली मूर्ति मानी जाती है। यह मूर्ति भगवान शिव, माँ पार्वती, भगवान गणेश, और भगवान कार्तिकेय के रूपों से निर्मित होती है, जिन्हें शिव परिवार के रूप में पूजा जाता है। यह मूर्ति विशेष रूप से आठ धातुओं से बनाई जाती है, जो एक साथ मिलकर अद्वितीय और शक्तिशाली बनती है। इन आठ धातुओं का उपयोग करने से मूर्ति में अधिक ऊर्जा और सकारात्मक प्रभाव आता है।
आठ धातु (Asthadhatu) क्या हैं?
आठ धातु (Asthadhatu) निम्नलिखित धातुओं का मिश्रण है:
- सोना (Gold)
- चांदी (Silver)
- तांबा (Copper)
- लोहा (Iron)
- पीतल (Brass)
- जस्ता (Zinc)
- संगमरमर (Marble)
- पारद (Mercury)
इन आठ धातुओं का संगम शिव परिवार की मूर्ति को बेहद शक्तिशाली और शुभ बनाता है। यह मूर्ति घर या मंदिर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि, शांति और संतुलन आता है।
आठ धातु शिव परिवार मूर्ति के लाभ:
- धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति: यह मूर्ति भगवान शिव और उनके परिवार के आशीर्वाद से आध्यात्मिक उन्नति का कारण बनती है। पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन मिलता है।
- धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति: आठ धातु से बनी शिव परिवार की मूर्ति घर में रखने से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि आती है। यह जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वातावरण स्थापित करती है।
- विपत्तियों और संकटों से मुक्ति: भगवान शिव और उनके परिवार के आशीर्वाद से व्यक्ति की सभी समस्याओं और संकटों का समाधान होता है। यह मूर्ति विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है, जो जीवन में किसी प्रकार के विघ्न या संकट का सामना कर रहे हैं।
- पारिवारिक संबंधों में सुधार: शिव परिवार की मूर्ति परिवार के सभी सदस्यों में प्रेम, समझ और सहयोग बढ़ाती है। यह घर में शांति और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करती है।
- गणेश और कार्तिकेय के आशीर्वाद से बुरे कामों का नाश: भगवान गणेश विघ्नहर्ता और भगवान कार्तिकेय युद्ध देवता माने जाते हैं। यह मूर्ति उनके आशीर्वाद से बुरे कामों और मानसिक तनाव का नाश करती है।
- समय पर निर्णय लेने में मदद: भगवान शिव और पार्वती के आशीर्वाद से व्यक्ति को जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिलती है। यह मूर्ति निर्णय लेने की क्षमता को सशक्त बनाती है।
- शांति और संतुलन: शिव परिवार की पूजा से व्यक्ति को जीवन में शांति, संतुलन और मानसिक स्थिरता मिलती है। यह घर के वातावरण को भी शांत और पवित्र बनाती है।
आठ धातु शिव परिवार मूर्ति की पूजा विधि (Pooja Vidhi)
- पूजा स्थल तैयार करें:
- सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर लाल या पीली चादर बिछाएं। शिव परिवार की मूर्ति को इस स्थान पर रखें और पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे फूल, दीपक, अगरबत्ती, चंदन, जल आदि तैयार करें।
- मूर्ति की सफाई:
- मूर्ति को हल्के से साफ करें, ताकि उसमें से धूल या गंदगी हट जाए। आप इसे शुद्ध जल से धो सकते हैं या मुलायम कपड़े से पोंछ सकते हैं।
- दीपक और धूप अर्पित करें:
- पूजा स्थल पर दीपक (दीया) जलाएं और धूप (अगरबत्ती) अर्पित करें। यह शिव परिवार को सम्मान देने और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का तरीका होता है।
- मंत्रों का जाप करें:
- भगवान शिव, माँ पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें:
- “ॐ नमः शिवाय” (भगवान शिव के लिए)
- “ॐ महादेव्यै नमः” (माँ पार्वती के लिए)
- “ॐ गणेशाय नमः” (भगवान गणेश के लिए)
- “ॐ श्री कार्तिकेयाय नमः” (भगवान कार्तिकेय के लिए)
- भगवान शिव, माँ पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें:
- फूल और भोग अर्पित करें:
- भगवान शिव और उनके परिवार के सदस्य को ताजे फूल अर्पित करें और उनका पसंदीदा भोग अर्पित करें। भोग में फल, मिठाई या अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं।
- आरती करें:
- पूजा के बाद, भगवान शिव परिवार की आरती करें और 108 बार “जय शिव शंकर” का उच्चारण करें। फिर पूजा का समापन करें।
- प्रार्थना करें:
- अंत में, भगवान शिव और उनके परिवार से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें। प्रार्थना में घर की शांति, समृद्धि और पारिवारिक संबंधों की बेहतरी की कामना करें।
- नियमित पूजा:
- इस पूजा को विशेष रूप से सोमवार या नवरात्रि जैसे शुभ अवसरों पर करें। नियमित पूजा से शिव परिवार के आशीर्वाद से जीवन में सुख और सफलता प्राप्त होती है।
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