Description
8 Mukhi Rudraksha को भगवान गणेश और भगवान शिव के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से मनुष्य के जीवन में बुरी स्थितियों से उबरने, मानसिक शांति, और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। 8 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति की इच्छाओं को पूरा करने, शांति प्राप्त करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उपयोगी है।
8 मुखी रुद्राक्ष का महत्व:
- भगवान गणेश और शिव का आशीर्वाद: यह रुद्राक्ष भगवान गणेश और शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। भगवान गणेश विघ्नहर्ता माने जाते हैं, जो जीवन में आने वाली परेशानियों और बाधाओं को दूर करते हैं।
- बाधाओं को दूर करता है: 8 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से जीवन की सारी बाधाओं और समस्याओं को समाप्त करने में सहायक है।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास: यह रुद्राक्ष मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सफलता को बढ़ाता है।
- सुख और समृद्धि का आशीर्वाद: यह रुद्राक्ष सुख और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक होता है।
8 मुखी रुद्राक्ष की पूजा विधि:
- स्वच्छ स्थान पर पूजा करें: सबसे पहले एक स्वच्छ और शांत स्थान पर आसन बिछाएं और वहां 8 मुखी रुद्राक्ष रखें।
- रुद्राक्ष की शुद्धि: रुद्राक्ष को शुद्ध करने के लिए गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर साफ करें। इससे रुद्राक्ष की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं: पूजा स्थल पर दीपक और अगरबत्ती (धूप) जलाएं। इससे वातावरण में शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- रुद्राक्ष पर ताजे फूल अर्पित करें: रुद्राक्ष पर ताजे फूल अर्पित करें। यह भगवान शिव और गणेश के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
- मंत्र जाप करें: 8 मुखी रुद्राक्ष की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
- “ॐ ह्लीं ह्लीं गणेशाय नमः” – यह मंत्र भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए है।
- “ॐ नमः शिवाय” – यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए है।
इन मंत्रों का जाप 108 बार करें। माला का प्रयोग करें तो एक-एक मंत्र का जाप करें।
- चावल और लौंग अर्पित करें: रुद्राक्ष के सामने चावल, लौंग और ताजे फूल अर्पित करें। यह एक भोग अर्पित करने का तरीका है।
- फल और मिठाई अर्पित करें: पूजा के बाद रुद्राक्ष के सामने ताजे फल और मिठाई अर्पित करें। यह पूजा का समापन करता है और भगवान की कृपा प्राप्त करने का तरीका है।
- आरती और शांति पाठ: पूजा के बाद भगवान गणेश और शिव की आरती का पाठ करें। आप “ॐ जय शिव ओंकारा” और गणेश की आरती “गणपति महराज की आरती” का पाठ कर सकते हैं। अंत में “ॐ शांति शांति शांति” का जाप करें।
- रुद्राक्ष को धारण करें: पूजा समाप्त होने के बाद रुद्राक्ष को शुद्ध करके पहन सकते हैं। आप इसे अंगूठी या डोरी में गले में पहन सकते हैं।
- प्रसाद वितरण: पूजा का प्रसाद अपने परिवार और मित्रों में वितरित करें।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें:
- रुद्राक्ष को हमेशा साफ और पवित्र रखें। स्नान और भोजन के समय इसे हटा लें।
- पूजा के समय मानसिक शांति बनाए रखें और श्रद्धा से पूजा करें।
- रुद्राक्ष को नियमित रूप से शुद्ध करें और पूजा विधि का पालन करें।
8 मुखी रुद्राक्ष के लाभ:
- बाधाओं से मुक्ति: यह रुद्राक्ष जीवन में आने वाली बाधाओं, समस्याओं और विघ्नों को दूर करने में मदद करता है।
- मानसिक शांति: 8 मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायक है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह रुद्राक्ष व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: यह रुद्राक्ष घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- धन, सुख और समृद्धि: यह रुद्राक्ष धन, सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में सहायक है।
इस प्रकार, 8 मुखी रुद्राक्ष की पूजा विधि से आप जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।





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